शुक्रवार, २ जुलै, २०२१

भारतीय संविधान का पहला संशोधन

भारतीय संविधान का पहला संशोधन
     पहला सविधान संशोधन 1951 मे हूवा, वह तीन प्रकार से साविधान संशोधन किया गया.
1. भारतीय अभिव्यक्ती स्वतंत्र :- भारतीय संविधान कलम 19 यह सविधान का मूल हैं जिसके कारण भारतीय नागरिक को , बोलणे की आझादी, पुरे भारत में काही पर भी घुमानेकी आझादी, कोई भी धंदा करणे की आझादि प्रदान करती हैं , लेकीन भारत स्वतंत्र होणे के बाद भारत मे कहि शरणार्ती आणे लगे जीसके कारण रोज के झगडे होते थे तब    मीडिया ने सरकार की आलोचाना की तब की सरकार ने  भाषण और अबिव्यक्ती स्वतंत्र का दुरुपयोग के नाम पे भारतीय संविधान कलम 19 (1) मे कही सुधार किये ओर 19(1)(a) के संशोधन के तहत भाषण ओर अभिव्यक्ती स्वतंत्र ता को प्रतिबंधित किया.

2. भारत के जो लोग आर्थिक ओर सामाजिक जो भी पिचडा वर्ग हैं उनके लिये उनकी उन्नती के लिये कुछ बदल किये गये 

3. भारतीय सविधान मे कलम 31 (b) को जोडा गया ,
सबसे पहले कलम 31(b) क्या है  समज लेते हैं 
     यह धारा समाज हित के लिये बहोत ही महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं , जैसे की हम देखते हैं बडे बडे रोड, पुल ई.  बनाये जाते हैं , वह रोड किसिना किसी के जमीन पे बनते होंगे , जब कभी समाज हित के लिये या लोगो के भालाई के लिये भारत सरकार जमीन के मलिक से जमीन लेकरं वाहा पे लोगो के भलाई के लिये कार्य करती है , यह सब कुच कलम 31(b) के कारण ही संबव हो सका हैं.

4. पहले सविधान संशोधन मे 9 अनुसूची शामिल :-
     केंद्र ओर राज्य के ऐसे काणून जो की जिस कानुन को अदालत मे न्यायालय मे चूनौती नही दी जा सकती , ओर पहले सविधान संशोधन मे 31(b) शामील किया गया कलम कानून को अनुसूची 9 मे जोडा गया.  यह सब कार्य पंडित नेहरू की कार्यकाल मे हो रहे थे तब भारत का राष्ट्रपती डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे

भारताचे संविधान कोणी लिहिले? प्रेम बिहारी नारायण रायजादा/ संविधान सभा/ मसुदा समिती

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