सोमवार, २४ जानेवारी, २०२२

दो लब्जो की प्रेमकहाणी (भाग ३) चिडा चिडिया प्रेमकहाणी

....बहुत घुमेंगे,  खेलेंगे पुरी जिंदगी साथ रहेंगे ., चिडा भी कहता हैं की हा ये भी ठीक है, जब दोनो वाहा के घोसले से उडणे वाले होते हैं तो चिडा कहता हैं की, हम तो यहा सब छोडके जाणे वाले हैं लेकीन वाहा रहेंगे काहा, खायेंगे क्या हम ऐसा करते हैं की , पहले हम जाते हैं अपना परिवार धूंढते हैं वाहा का अपना घोसला ठीक करते हैं जो तुफान से तूट गया था, फिर हम आपको लेणे आयेंगे ... चिडिया का दिलं नहि मानता था लेकीन वो भी क्या करती... फिर भी चिडिया ने चिडा को रोकणे की नाकाम कोशिश की , फिर चिडा को जाणे के लिये हा कर देती हैं , जब चिडा उडणे वाला होता हैं तब चिडिया कहती हैं की, अगर वाहा सब कुच ठीक ना हुवा तो सब को लेकर याहा आईयेगा ..हम सब साथ मे रहेंगे.., ओर हम आपका याही इंतजार करेंगे .. चिडा थोडा सां मुस्कुराके वाहा से उड् जाता है ., 
..........to be countinue....
कहाणी पुरी सूनानेके लिये लिंक पे क्लिक करे 
https://youtu.be/_ux5k4cdI1c

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