सोमवार, २४ जानेवारी, २०२२

दो लब्जो की प्रेमकहाणी ( भाग एक ) चिडा और चिडिया की प्रेमकहाणी do labjo ki prem kahani , chida chidiya prem kahani #chida_chidiya #love_story

     हमारी आज की कहाणी कुछ ऐसी ही हैं .., दो लब्जो की प्रेमकहाणी .. यह कहाणी हैं चिडा और चिडिया की. , चिडा और चिडिया यह दोनो एक दुसरे से बेइंतहा प्यार करते थे , बेईंतहा मतलब बहुत ज्यादा प्यार जो एक दुसरे से कभी भी जुदा नहीं होना चाहते थे.

     एक अकेली चिडिया थी जो नदी के किनारे पेड पर एक घोसला करके रहती थी उसका कोई साथी नही था. कोई दोस्त नाही था  . वह रोज सूबह नदी के किनारे बैठती तो कभी पेड के डाली पे बैठतीं . उसके जिंदगी में कुछ भी नया नही था, तो वह अपने जिंदगी से पुरी तरहा से ऊब चुकी थी. वह कभी कभी सोचति थी की , " यार में जी ही क्यो रही हू, " इतना अकेला पण कोई दोस्त नहीं कोई साथी नहीं नाही मे खुल के कीसिसे अपने दिल की बात कर सकती हुं..

     एकदिन किसी दूर जगह का मौसम खराब होणे के कारण एक चिडा उडता हुवा ऊस चिडिया के घोसले के पास आ जाता है, और कुछ ही देर मे उन दोनो मे गहरी दोस्ती हो जाती है..वह दोनो भी एक दुसरे के बारे मे ही सोचते थे वो दोंनो शायद एक दुसरे से मोहब्बत करते थे ...
..........to be continue...
यह कहाणी आप you tube पर भी देखे
All In One With Pavan
https://youtu.be/_ux5k4cdI1c

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